veer172
चर्मसुख की प्राप्ति

चर्मसुख की प्राप्ति

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और मैं एक दिन किचन में काम कर रही थी घर में कोई भी नहीं था ! सेल्फ के ऊपर फोन रखा हुआ था जिसमें रोमांटिक गाने बज रहे थे और मैं मस्ती में मस्तमुझे पीछे से किसी के आने की आहट सी हुई ! जैसे ही मैं राजवीर को देखा मेरा तो पूरा मुंह शर्म से लाल हो गया किस टाइम राजवीर के आने की तो उम्मीद ही नहीं थी मेरी धड़कन इस कदर बढ़ गई की मेरा सांस लेना मुश्किल हो गयामैं कुछ कहती उससे पहले ही राजवीर ने मुझे पीछे से अपनी बाहों में ले लिया मैं तो जैसे यह संगम कई दिनों से चाहती थी जैसे मेरी मन की मुराद पूरी हो गई !राजवीर के दोनों हाथ मेरे पेट पर कसे हुए थे और राजवीर कि सांसों का प्रवाह मेरे कानों के ऊपर पढ़ रहा था मेरे पूरे शरीर में जैसे बिजली का करंट सा दौड़ गया होमैं कुछ समझ पाती इससे पहले ही राजवीर ने अपनी गीली जीभ से मेरे कान के झुमको को सहलाना शुरू किया !मेरी आंखें अपने आप ही बंद हो गई मेरी क…

कामवासना

कामवासना

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मैं आपके सामने हाजिर हूं एक कामवासना से भरी अपनी एक कहानी को लेकर आशा करता हूं कि आपको यह बहुत पसंद आएगी लेकिन इसी के साथ में एक बात और कहना चाहूंगा की यह कहानी 18 वर्ष से ऊपर के ही लोग पढ़ें क्योंकि इसमें काफी सारे शब्द सहवास और दो लोगों के समागम का वर्णन भली-भांति किया गया है यह एक चेतावनी है अगर आपको कहानी अच्छी लगे या ना लगे लेकिन अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजिएगा तो आइए शुरू करते हैं कहानी को मेरा नाम वीर है बात कुछ दिनों पहले की है मुझे एक कंपनी में नौकरी मिली और मुझे अपने गांव से दूर गुड़गांव में जाना पड़ा! तो मेरे पिताजी ने मुझे रोकने की भरपूर कोशिश की अगर यह समझाने की कोशिश की की वहीं पर रुक कर कोई दूसरी नौकरी देखी जाए पर मैं यह नौकरी अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था आखिरकार उन्होंने मेरी जिद को मान लिया लेकिन समस्या यह थी कि मेरे रहने खाने का कोई प्रबंध नहीं हो…

Its Too Hard

Its Too Hard

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Its a mature erotic story…

erotic

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erotic shot…

love and moans ( 100 Parts)

love and moans ( 100 Parts)

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This is erotic love story of veer and Nikki…

Erotic poetry

Erotic poetry

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Poetry...…

एक औरत की ख्वाहिश

एक औरत की ख्वाहिश

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औरत एक ऐसी पहेली है! जिसे आज तक ऊपर वाला भी समझ नहीं पाया है! तो इंसान क्या चीज है! कभी-कभी तो लगता है कि औरत भी कहा समझ पाई है खुद को!सुबह आंख खुली तो सर जोर से भन्ना रहा था! मधु अभी बिस्तर पर ही पड़ी हुई थी और अपने आप को निहार रही थी !!हथेली की उंगलियों को हवा में लहराते हुए ऊपर की तरफ जोड़ते हुए एक जोर की अंगड़ाई ली! अंगड़ाई लेते लेते चोली के खुले हुए हुको की तरफ ध्यान गया!शायद रात में जज्बातों का तूफान इतना ज्यादा था कि मधु ऐसे ही सो गई! चोली से निकलते हुए सूरज की किरणों से उज्जवल उरोजो पर ध्यान गया! तो एक पल के लिए खुद पर ही प्यार आ गया और मधु मंद मंद मुस्कुराने लगी!सब कुछ भूल कर ना जाने क्यों अपने हथेलियों से अपने उरोजो को प्यार से सहलाने लगी! मखमली उरोजो पर वह औस् की बूंद की तरह उभरे हुए 2 मनके जैसे मानो किसी के होंठों का स्पर्श पाने के लिए बुरी तरह से तड़प रहे हो !यह सोचने…